Sunday 08 September 2024 9:29 AM
Aman Patrika
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कांग्रेस ने गौतम अदानी के बाद अब उनके भाई को लेकर पूछे सवाल: प्रेस रिव्यू

गौतम अदानी, नरेंद्र मोदी

कांग्रेस पार्टी ने बीते रविवार अदानी समूह से जुड़े विवाद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को लेकर कई नए सवाल खड़े किए हैं.

अंग्रेजी अख़बार द टेलीग्राफ़ में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक़, कांग्रेस पार्टी ने रविवार को गौतम अदानी के भाई विनोद अदानी को लेकर सवाल पूछे हैं.

अमेरिकी फ़ॉरेंसिक फ़ाइनेंशियल कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने बीते 24 जनवरी को भारतीय अरबपति व्यवसायी गौतम अदानी के नेतृत्व वाले अदानी समूह पर वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े आरोप लगाए थे.

इसके बाद अदानी समूह से जुड़ी कंपनियों के शेयर की क़ीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गयी. कांग्रेस पार्टी लगातार संसद से लेकर सड़क तक इस मुद्दे पर बीजेपी और उसके केंद्रीय नेतृत्व को घेरने की कोशिश कर रही है.

इसी क्रम में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, ‘हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया है कि विनोद अदानी विदेशी शेल कंपनियों के एक ऐसे विशाल नेटवर्क को नियंत्रित करते हैं जिनसे अदानी समूह की अनेक सूचीबद्ध और निजी कंपनियों में अरबों डॉलर का निवेश किया गया है

उन्होंने दावा किया कि विनोद अदानी और उनकी ओर से नियंत्रित कंपनियों ने इस तरह के निवेश से जुड़ी जानकारियों को उचित समय और ढंग से सार्वजनिक नहीं किया.

बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से अदानी समूह पर लगाए गए वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े आरोपों में विनोद अदानी का भी ज़िक्र किया गया है.

हालांकि, अदानी समूह ने बीते 29 जनवरी को बताया था कि विनोद अदानी के पास अदानी समूह की किसी भी सूचीबद्ध संस्था या सहायक कंपनी में कोई प्रबंधकीय पद नहीं है और उनकी दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में उनकी कोई भूमिका नहीं है.

कांग्रेस पार्टी ने सवाल उठाया है कि नियामक संस्थाएं अदानी समूह के इस दावे पर कैसे यक़ीन कर लें जब अदानी समूह ने साल 2020 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को दिए अपने ज्ञापन में विनोद अदानी को अपने समूह का अभिन्न अंग बताया था.

कश्मीर

जम्मू-कश्मीर में सेना की तैनाती कम करने पर विचार कर रही है केंद्र सरकार

केंद्र सरकार अनुच्छेद 370 ख़त्म होने के साढ़े तीन साल बाद जम्मू-कश्मीर में सेना की मौजूदगी कम करने पर विचार कर रही है.

अंग्रेजी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक़, भारतीय सुरक्षा तंत्र से जुड़े अधिकारियों ने बताया है कि जम्मू-कश्मीर से सेना हटाए जाने को लेकर पिछले दो सालों से बातचीत जारी है. लेकिन अब ये बातचीत काफ़ी आगे बढ़ गयी है.

इस ख़बर के मुताबिक़ भारतीय सेना के जम्मू-कश्मीर से हटने पर सीआरपीएफ़ की टीमें उनकी जगह लेंगी.

एक शीर्ष अधिकारी ने बताया है कि ‘इस मसले पर मंत्रालयों के बीच गंभीर चर्चा जारी है और ऐसा लग रहा है कि ये किया जाना संभव है. एक तरह से फ़ैसला ले लिया गया है, बस देखना सिर्फ़ ये है कि इसे अमल में कब लाया जाए. लेकिन आख़िरकार इस पर सरकार के स्तर से ही फ़ैसला लिया जाएगा.’

डी रूपा

कर्नाटक में भिड़ी दो महिला नौकरशाह, शेयर की गयी निजी तस्वीरें

कर्नाटक में दो महिला नौकरशाहों के बीच विवाद चर्चा का विषय बन गया है. इस मामले में एक तरफ़ जानी-मानी महिला आईपीएस अधिकारी डी रूपा हैं तो वहीं दूसरी ओर आईएएस रोहिणी सिंधुरी हैं.

अंग्रेजी अख़बार द हिंदू में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक़, आईपीएस डी रूपा ने ट्विटर पर आईएएस रोहिणी सिंधुरी की निजी तस्वीरें साझा की हैं.

डी रूपा ने एक लंबे बयान में रोहिणी सिंधुरी के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार आदि से जुड़े गंभीर आरोप भी लगाए हैं. उन्होंने एक ट्वीट साझा किया है जिसमें रोहिणी सिंधुरी की निजी तस्वीरें हैं.

दोनों ने एक-दूसरे पर सिविल सर्विसेज़ कंडक्ट रूल्स का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. हालांकि, ये पहला मौका नहीं है जब दोनों अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से एक-दूसरे को अपमानित करने की कोशिश की हो.

लेकिन सोशल मीडिया यूज़र्स की ओर से आईएएस रोहिणी सिंधुरी की तस्वीरें वायरल किए जाने पर सवाल उठाए गए हैं.

डिप्रेशन की शिकार माँ का ख़याल रखने वाली बेटी की कहानी

भारत में डिमेंशिया से जूझ रहे हैं 90 लाख वृद्ध

एम्स और यूनिवर्सिटी ऑफ़ सदर्न कैलिफ़ोर्नियों समेत कुल 18 संस्थानों से जुड़े शोधार्थियों ने भारत में किए गए एक व्यापक अध्ययन में पाया है कि भारत में डिमेंशिया से जूझने वाले वृद्ध नागरिकों की संख्या लगभग 90 लाख हो गयी है.

इस अध्ययन में सामने आया है कि भारत की वरिष्ठ नागरिकों की 7.4 फ़ीसद आबादी इस समस्या से जूझ रही है.

अंग्रेजी अख़बार द टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक़, भारत में डिमेंशिया से जूझने वाले लोगों की संख्या में बड़ा उछाल आया है.

इससे पहले किए गए अध्ययन में ये आंकड़ा सिर्फ़ 37 लाख था जो अब बढ़कर 90 लाख हो गया है.

इस अध्ययन में ये भी सामने आया है कि डिमेंशिया के सबसे ज़्यादा मामले जम्मू-कश्मीर में पाए गए हैं. और विशेषज्ञ मानते हैं कि एक व्यापक अध्ययन करके ये समझने की ज़रूरत है कि क्या दशकों से जारी संघर्ष की इसमें भूमिका है.

डिमेंशिया एक मानसिक बीमारी है जिससे पीड़ित व्यक्ति का उसके शरीर पर धीरे-धीरे नियंत्रण कम होता जाता है. उम्र बढ़ने के साथ-साथ ये बीमारी बढ़ती जाती है.

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